Saturday, April 20, 2013

दिलदार दिल्ली नहीं बलात्कारी दिल्ली 
 
१६  दिसंबर को राजधानी दिल्ली में हुए बलात्कार की तपन अभी ठंडी भी नहीं हुयी थी की अचानक अन्य बलात्कारो  की खबर भी तेजी से आने लगी हैं ताज़ा मामला नेपाली युवती के रेप का हैं जिसे ३ अज्ञात बलात्कारियो ने मरने के लिए नग्न अवस्था में सड़क पर फेक दिया था उसके  सड़क  पर रेप लिखे जाने से उस बेचारी के साथ क्या हुआ यह जाना जा सका जब तक पुलिस कुछ कर पाती एक अन्य घटना गांधीनगर दिल्ली में घटी जहाँ एक ५ वर्षीया नन्ही लड़की के साथ बलात्कार किया गया तथा उसे मारने की कोशिश भी की गयी यह हाल तो तब हैं जब दिल्ली की मुख्यमंत्री एक महिला हैं इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं की हमारी दिल्ली महिलाओ के लिए  कितनी सुरक्षित हैं हद तो तब हुयी जब पुलिस ने  इस मामले को दबाने के लिए पीड़ित बच्ची के परिवार को पैसे दिए  और कहाँ की वह मीडिया में ना जाए । 

Friday, March 22, 2013

छम छम करती होली आई



  छम छम करती होली आई 
सर्दी की अब शामत आई
रंग अबीर संग ओर गुलाल 
मिलकर देखो मचाते धमाल

पानी भरे गुब्बारे पिचकारी 
भीगने की सब कर तैयारी
देख देख कर रंग लगाना

 किसी को न पेंट लगाना
चिप्स पकोड़े मिठाई गुजिया
 खूब मजे से खलो भईया
पर देखो हुडदंग ना करना 

न ही लड़ना न ही झगड़ना
गले मिलकर खेलो होली
 बनकर एक दूजे के हमजोली
होली यही संदेश दे जाती 
जीवन के रंग ही हैं साथी


 

Friday, February 15, 2013

प्रेम अभिव्यक्ति-



प्रेम अभिव्यक्ति-

विक्टर हयुगों-जीवन का सबसे बड़ा सुख यह प्रतीति हैं की हमे कोई हमारी ही खातिर प्यार करता हैं इतना ही नहीं हमारी कमियो के बावजूद भी हमे प्यार करता हैं |


ब्रायन -पुरुष के हृदय की दया,प्रेम,सहृदयता हमे क्या प्रभावित करेगी इन गुणों की अक्षय भंडार तो हम नारिया ही हैं इनके कुछ जूठे टुकड़े देकर हम ही इन्हे कृताज्ञ करती हैं और सौन्दर्य....... तो पुरुष के ऊबड़ खाबड़ व्यक्तित्व मे सौन्दर्य के लिए स्थान ही कहाँ हैं की उससे वह किसी कों प्रभावित कर सके हाँ ..... अपने आँधी तूफानो के बीच जहां हम कांप उठती हैं वहाँ बिना हिलेडुले,घबराए अपनी जगह पर खड़े रहने की क्षमता पुरुष मे हैंऔर उसी के लिए हम अपना सर्वस्व उसे समर्पित करती हैं |

Wednesday, February 13, 2013

वेलेंटाइन डे का सच







वेलेंटाइन डे का सच

हजारो सालो से संत॰वेलेंटाइन की अलग अलग कथाए व किस्से सुने व कहे जाते रहे हैं | इस दिन के लोकप्रिय प्रतीक के रूप मे सर्वप्रथम एक रोमन देवता “क्यूपीड” को माना गया जो एक बच्चे के हाथ मे धनुष व बाण लिए रहता हैं |

ईसा मसीह की मृत्यु के 300 वर्ष बाद रोमन सम्राटो ने समस्त प्रजा को रोमन देवताओ की पुजा करने का आदेश पारित किया तब एक ईसाई पादरी जिनका नाम “वेलेंटाइन” था जो प्रजा को एक दूसरे से प्रेम करने की अपनी अलग शिक्षाए दिया करता था जिसके जुर्म मे उसे जेल मे डाल दिया गया था जहां उसने जेलर की अंधी बिटिया का अपने चमत्कार से इलाज किया था जिसके कारण व उसके ईसाई होने के कारण उसे 14 फरवरी के दिन मृत्यु दंड दिया गया था अपनी मृत्यु के एक रात्री पहले उसने जेलर की बिटिया को अपने विदाई संदेश मे “तुम्हारे वेलेंटाइन की ओर से” लिखा था तभी से इस दिन यानि 14 फरवरी को वेलेंटाइन दिवस के रूप मे माना जाने लगा |

14 फरवरी के दिन रोमन्स अपनी देवी के सम्मान मे अवकाश का दिन रखते हैं जिस दिन जवान युवक अपने पसंद की जवान स्त्री का चुनाव किया करते हैं |जहां से यह चलन मध्य काल मे यूरोप और अमरीका पहुंचा |

हजारों सालो से यह भी माना जाता रहा हैं की पक्षी अपने साथी को इसी 14 फरवरी के दिन ही चुनते हैं |

496 ए॰डी॰ मे संत गेलसिउस प्रथम ने 14 फरवरी के दिन को “वेलेंटाइन दिवस” घोषित किया |

इस दिन के प्रारम्भ होने के चाहे कितने ही किस्से हो परंतु अब यह दिन अपने चाहने वालो का दिन बन गया हैं इस दिन सब अपने मित्रो,दोस्तों व प्रेमियो को यह दर्शाने का प्रयास करते हैं की वो उनकी परवाह करते हैं अधिकतर लोग संत॰वेलेंटाइन की याद मे वेलेंटाइन कार्ड भेजना पसंद करते हैं अमरीका मे यह दिन विशेष रूप से मनाया जाता हैं |