Friday, November 19, 2010

मरता बेचारा गरीब ही है

दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में बहुमंजिला गैर कानूनी ईमारत के गिर जाने से करीब ७५ लोगो की मौत हो गयी उनमे से अधिकतर लोग गरीब मजदूर थे जो ना जाने किस प्रकार इस महंगाई भरे शहर में अपना जीवन यापन कर रहे थे | महानगर में ऐसी कई और इमारते हैं जिनमे लोग रह रहे हैं यह इमारते सरकार द्वारा तय मानको को एक तरफ रखकर थोड़े से लालच के चलते रातोरात गैर कानूनी तरीके से खड़ी कर दी जाती हैं (सरकार के लोग भी इसमें शामिल रहते हैं ) जब भी कोई दुर्घटना होती हैं बिने सोचे समझे गरीब जनता को परेशान  कर दिया जाता हैं जो गुनाह्गार हैं वो फिर भी बच जाते हैं बेचारी  जनता कुछ दिन चिल्ला चिल्ला कर अपने अपने काम मे लग जाती हैं |
पर मरता बेचारा गरीब ही है

Monday, August 30, 2010

धिक्कार हैं दिल्ली पर

कल रविवार की सुबह जब अखबार देखा तो एक ऐसी खबर पढने को मिली जिसे पढकर ना सिर्फ अपने इंसान होने पर शर्म आई बल्कि दिल्ली में रहने के कारण और भी जलालत महसूस हुई,हिन्दुस्तान टाईम्स की फ्रंट पेज की खबर थी की शंकर मार्केट में एक स्त्री ने चार दिन पहले एक बच्ची को जन्म दिया और वह बिना सहायता के मर गयी उसकी बच्ची को कुत्ते खाने का प्रयास कर रहे थे(ऐसा उस स्त्री ने स्वयं अपनी मदद करने वाली को बताया की उसने खुद बच्चे को बाहर निकाला तथा उसकी नाल खींचकर अलग की ) तब किसी ने उसकी मदद की वह स्त्री जिसने उस बच्चे को बचाया उसे भी परेशान किया जा रहा हैं यहाँ विचारणीय बात यह हैं शंकर मार्केट एक अच्छे इलाके में पड़ता हैं जहाँ रोजाना हज़ारो सभ्य व अमीर व्यक्ति चलते हैं वहां जब यह स्त्री उस हालत में तड़फ रही थी क्या कोई  एक शख्स उसकी मदद नहीं कर सकता था कम से कम पुलिस को खबर तो की ही जा सकती थी कोई प्राणी चार दिन से सड़क में पड़ा तड़फ रहा हो और दिल्ली वाले उसकी मदद करने के बजाये तमाशा देख रहे हो क्या यही हमारे सभ्य समाज में रहने का आचरण हैं यह सब देखकर तो खुद को इंसान कहलाना भी बड़े शर्म की बात प्रतीत होता हैं |
यहाँ एक बात और भी विचार करने की हैं की जिस पत्रकार ने उस स्त्री की तस्वीरे खिंची हैं वह स्वयं भी एक स्त्री हैं उसने उस स्त्री की दर्द से तड़फते हुए तस्वीरे तो भेजी हैं तस्वीरे चार दिनों की हैं जिससे यह साबित होता हैं की उसे यह सब पता था बावजूद इसके उसने खबर बनाने के लिए उस स्त्री की मदद नहीं की क्या वह पहले दिन जब वो स्त्री दर्द से तड़फ रही थी उसकी किसी भी प्रकार से मदद नहीं कर सकती थी अगर यही हमारी दिल्ली का आधुनिकपन हैं तो धिक्कार हैं दिल्ली पर और उसमें रहने वालो पर.....................................   

Tuesday, August 3, 2010

डायन महंगाई खाए जात हैं |

"डायन महंगाई खाए जात हैं" अभी कुछ दिनों से यह गीत लगातार सुनाई दे रहा हैं | आमिर खान द्वारा निर्मित फिल्म "पीपली लाइव" का यह गीत आजकल की हकीकत को बयां करता हुआ लगता हैं, वाकई इस गीत को सुनकर आम आदमी की परेशानिया उजागर हो जाती हैं | इस फिल्म और गीत के लिए आमिर बधाई के पात्र हैं वैसे कुछ ही दिनों में यह प्रदर्शित भी होने वाली हैं और आमिर का नाम होने के कारण इसका हिट होना भी निश्चित ही हैं यह भी हो सकता हैं की यह फिल्म देश विदेश में कई अवार्ड्स भी जीत ले वैसे आमिर की प्लानिंग को देखते हुए यह फिल्म ऑस्कार के लिए भी नामित हो सकती हैं,  तब तक इस गीत का आनंद अवश्य ले |

Friday, June 18, 2010

फूट बौल विश्व कप

लीजिये मित्रो काफी समय बाद हम फिर से इस ब्लॉग पर हाज़िर हुए हैं कई दिनों से अपने ज्योतिषीय काम से बड़ी व्यस्तता रही गप शप का समय ही नहीं मिला,ऐसा कदापि नहीं हैं की इस दौरान हमने कोई कहानी या कविता नहीं लिखी लिखी तो ज़रूर पर पोस्ट नहीं की अब फिर से इस ब्लॉग पर आना हो गया हैं तो कुछ दिनों बाद कोई ना कोई कहानी या कविता इस पर अवश्य परोसेंगे |

आज इस चिट्ठे पर आने का बस यही मकसद था की हमारे कुछ मित्र व पाठक हमसे फूट बौल के विश्व कप के बारे में हमारा आंकलन मांग रहे हैं वैसे तो हम इस खेल के शौकीन नहीं हैं फिर भी आ़प सभी के कहने पर हमने इसका आंकलन शुरू कर दिया हैं तथा ज़ल्द ही हम इसके बारे अपनी राय आ़प सब के सम्मुख रखेंगे |

Monday, May 10, 2010

धोनी एंड कम्पनी विश्व कप से बाहर

लीजिये मित्रो भारत की "धोनी एंड कम्पनी" विश्व कप से बाहर हो गयी, हम से कई बार यह पूछा जा रहा था की इस विश्व कप में भारत का क्या होगा इससे पहले की हम अपना कुछ निष्कर्ष निकाल पाते "धोनी एंड कम्पनी" ने पहले ही अपना बोरिया बिस्तर बंधवा लिया ,चलिए अच्छा ही हुआ वर्ना कुछ दिन और समय बर्बाद करना पड़ता (टीवी देखते हुए) आई पी एल की थकान व कमाए हुए पैसो से जब खिलाडियो को फुर्सत मिलेगी तभी तो खेल में मन लगेगा और यह विश्व कप वैसे भी इतने पैसे तो दिलवाने से रहा जितने आई पी एल| अजी जब हारने के ज्यादा पैसे मिल रहे हो तो जितने की ज़रूरत भी क्या हैं फिर हम भारतीय तो वैसे भी किसी के नहीं हैं जो जीतता हैं वो हमारा जो हारे हम उस पर कुछ दिन चिल्लायेंगे फिर चुप हो जायेंगे यही तो हमेशा से करते हैं |
जहाँ तक विश्व कप की बात हैं सितारे "वेस्ट इंडीज "के अच्छे दिख रहे हैं साथ साथ "ऑस्ट्रेलिया" भी छुपा रुस्तम साबित हो सकता हैं |

Tuesday, April 6, 2010

आई पी एल का आंकलन

लीजिये दोस्तों जिससे हम बचना चाह रहे थे हमें आज उसी का आंकलन करना पड़ रहा हैं, हमारे कुछ दोस्तों का कहना हैं की किशोर जी इस साल आई पी एल का विजेता कौन होगा ज़रा इसका पता लगाईये| अब हम क्या कहे की भाई हमारी क्रिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं हैं मगर एक भारतीय होने के नाते हम अपनी टीम को जीतता हमेशा देखना चाहते हैं पर यह आई पी एल तो मात्र पैसा बनाने का जरिया हैं इसमें जीत हार के कोई मायने तो हैं नहीं |
फिर भी अगर आंकलन की दृष्टी से कहे तो हम ये तो बता सकते हैं की इस वर्ष यह खिताब चेन्नई सुपर किंग को मिल सकता हैं हालांकि मुंबई को इसका प्रबल दावेदार माना जा रहा हैं परन्तु हमें ऐसा नहीं लग रहा की मुंबई यह ख़िताब जीतेगी, वैसे असली पता तो सेमीफाइनल की चार टीमो के आने के बाद ही चलेगा |

मुंबई
,दिल्ली,चेन्नई,तथा राजस्थान यह चारो टीम्स सेमी फाइनल की टीमे हो सकती हैं |वैसे कही कही कलकत्ता की टीम भी उलट फेर कर सकती हैं ऐसा प्रतीत होता हैं |

हमारी अपनी पसंद की टीम मुंबई की टीम हैं |.......................................................शेष फिर

Wednesday, March 10, 2010

भूख

गाड़ी तेजी से अपने गंतव्य की और दौड़ी जा रही थी अपनी सीट पर बैठा वह बार बार घडी की और देख रहा था,भूख के मारे बुरी हालत थी पिछले दो महीनो से पत्नी के अपने मायके चले जाने से ठीक से भोजन नहीं खा पा रहा था बाहर का खाना उसे वैसे भी भाता नहीं था, देखा गाड़ी कुछ धीमी होती जा रही हैं शायद कोई स्टेशन रहा हैं उसने सोचा गाड़ी रुकी, वह सर झुकाए भूख से बेहाल गर्दन नीची किये बैठा ही रहा अचानक उसके नथुनों से एक स्त्री की महक टकराई उसने सर उठाकर देखा एक ग़ज़ब की बाला उसकी सामने वाली सीट में आकर विराजित हुई थी जिसके छोटे तंग कपडे उसे निमंत्रण सा देते प्रतीत हो रहे थे बार बार चाहते हुए भी उसकी नज़र उस बाला की और उठ जाती थी अपनी पेट की भूख तो जैसे वो भूल ही गया था अब उसे एक नई भूख लग आई थी .......|

Wednesday, January 13, 2010

इस सप्ताह के विनर

इस सप्ताह के हमारे विजेता हैं श्री मनोज कुमार जी जिन्होंने हमारे दोनों प्रश्नों के उत्तर बिलकुल सही दिए दोनों प्रश्नों के जवाब यह हैं |
१) गणेशजी की पत्नियो के नाम रिद्दी एवं सिद्दी हैं |
२) सूर्य के राशी परिवर्तन को संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं |
हमारे पास कुल १२ सही जवाब आये जिनमे कुछ नाम हैं चेतन,राखी,मयूर,राजेश, संतोष व अन्य |

Saturday, January 9, 2010

रोमांस का विज्ञान

अहमदाबाद में आयोजित एक राष्ट्रीय परिसंवाद में में एक मनोविद ने "केमिस्ट्री ऑफ़ रोमांस "विषय पर एक शोधपत्र पेश किया जिसमे बहुत सी रोचक जानकारिया उभर कर सामने आई जिसके अंतर्गत बताया गया की जब कोई व्यक्ति प्रेम में पड़ता हैं तो उसके शारीर में कामुकता,आकर्षण लगाव इन तीन चरणों में रासायनिक रिएक्सन से बदलाव आते हैं | पहले चरण में मस्तिष्क में टेस्टोस्टेरोंन इस्ट्रोजन नामक रासायनिक श्राव होने से आकर्षण गंध उत्पन्न होती हैं इसमें पुरुष बाह्य आकर्षण स्त्री सोशल स्टेटस को महत्व देती हैं जबकि दुसरे चरण में "नोरफेनफ्रिन, डोपामिन सिरोटोनिन" के श्राव से प्रिय पात्र से बार बार मिलने की इच्छा और उसके बिन बेचैनी जैसी हालत होती हैं और तीसरे चरण में "ओक्सीटोसिन वेजोप्रेसीन" नामक रसायनों के श्राव से व्यक्ति में विश्वास उत्तेजना बढती हैं किसी भी शर्त पर उसे पाने की इच्छा प्रबल हो जाती हैं जिसके लिए व्यक्ति विशेष कुछ भी कर गुजरने को तत्पर हो जाता हैं |

Monday, January 4, 2010

इस सप्ताह के प्रश्न

पिछले सप्ताह पूछे गए प्रश्नों के उत्तर यह हैं |
) मंगल ग्रह को पृथ्वी का पुत्र कहा जाता हैं |
) चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह हैं |
हमारे इस सप्ताह के विजेता हैं "चारुष जी" जिन्होंने हमें बिल्कुल सही जवाब भेजा|

अब
प्रस्तुत हैं इस सप्ताह के प्रश्न -

)भगवान गणेश की पत्नियो के नाम क्या हैं ?
)सूर्य ग्रह के राशी परिवर्तन को किस नाम से जाना जाता हैं ?