Friday, October 26, 2012

छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाये के




छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाये के


प्रेम भटी का मधवा पिला के मतवारी कर लिनी रे|

गोरी गोरी बइया हरी हरी चूड़िया

बइया पकड़ धर लिनी रे मोसे नैना मिलाये के|

बल बल जाऊ मैं टोरे रंगरेजवा

अपनी सी कर लिनी रे मोसे नैना मिलाये के|

खुसरो निज़ाम के बल बल जइये

मोहे सुहागन कीनी रे मोसे नैना मिलाये के |

Thursday, October 11, 2012

प्रेम नहीं हैं




प्रेम नहीं हैं किसी याद मे ताजमहल बनाना और नाही बेशकीमती उपहार देना |
प्रेम हैं वहाँ पर होना जहां आपकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो |
प्रेम नहीं हैं घूमना व खाना और नाही चाँदनी रातों मे हाथ मे हाथ डाले चलना |
प्रेम हैं बच्चो को देखना जब आप का साथी थका हुआ हो |


प्रेम नहीं हैं ग़लतीया मानना व मनवाना जब ग़लतीया हो गयी हो |
प्रेम हैं ग़लतीया होने पर भी अपने साथी को माफ करना |
प्रेम नहीं हैं बिना बुरा माने हाँ या ना कहना कहते जाना |
प्रेम हैं बिना जाने एक दूजे को समझना समझाना |


प्रेम नहीं हैं हमेशा एक दूसरे को अपना मान ना या मनवाना |
प्रेम हैं दूसरे के जज़्बातों की इज्जत करना |
प्रेम नहीं हैं सिर्फ जन्मदिन व सालगिरह याद रखना |
प्रेम हैं बिना शब्दो के सांत्वना प्रदान करना |


प्रेम हैं एक ऐसी भाषा जिसे हर प्यार भरा दिल समझता हैं |
एक ऐसा संवेदन जिसे हर कोई महसूस करता हैं |
प्रेम हैं बिना कहे ज़रूरत होने पर हाथ पकड़ना गले लगाना सहलाना|
अपने साथी के साथ खड़े रहना जब वह अपने जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो |
प्रेम हैं कभी न खत्म होने वाली खुशी व ग़म की वो दास्तान जो छोटी-छोटी नोकझोक,हंसी मज़ाक सूक्ष्म अन्तर्मन का स्पर्श कराती प्यार भरी देखभाल,जमाने व ज़िंदगी के थपेड़ो से राहत दिलाती फुसफुसाहट जो निरंतर चमकती व चलती रहती हैं |
सच प्रेम है एक ऐसा अधूरा शब्द जो खुद तो अधूरा हैं पर सबको पूर्ण कर देता हैं.............|