कुछ दिन पहले समाचारों में दिखाया गया की किस तरह से कानपूर में मायावती जी के काफिले की एक गाड़ी से दो लोगो की दुर्घटना हुई परन्तु सरकारी तंत्र इस दुर्घटना को मानने की बजाय दबाने व पीछा छुडाने में ज्यादा इच्छुक नज़र आया ,वो तो भला हो मीडिया वालो का जिन्होंने इस ख़बर को उछाला जिससे इस का पता सबको लगा यहाँ गौर करने वाली बात ये है की क्या माया जी के राज्य में आम आदमी की कोई हैसियत नही हैं, वो जब चाहे किसी भी व्यक्ति को नुक्सान पंहुचा सकती हैं, आख़िर यही वो आम आदमी थे जिन्होंने उन्हें प्रदेश की गद्दी सौपी थी एक पल को यह मान भी ले की यह एक हादसा था तो क्या मायावती जी का या उनके किसी अधिकारी का यह फ़र्ज़ नही था की दुर्घटना से घायल पीडितो को कुछ आर्थिक सहायता प्रदान की जाती अथवा उनका इलाज करवा दिया जाता , वो तो शुक्र है की काफिले के बाद स्वयं मायावती को उधर से गुजरना था सो उन घायलों को अस्पताल पहुचाया गया तथा आनन फानन में 50000 रुपये दे दिए गए जिससे उनकी कुछ सहायता हो सकी अन्यथा वह सड़क पर ही मारे जाते ,घायल दोनों व्यक्ति दोस्त थे जो किसी काम से कही जा रहे थे दुर्घटना के बाद एक दोस्त की एक taang kaatni पड़ी तथा दूसरे की pasliya tuut गयी व सारा घर एक तरह से tabaah हो गया
yahaah इस ब्लॉग में इस दुर्घटना का ullekh करने का maqsad सिर्फ़ इतना है की हम सब यह mehsoos कर सके की आम आदमी की उत्तर प्रदेश में क्या हैसियत हैं aadarniya मायावती जी अपने putle banwane में इतनी vyast हैं की उन्हें इस बात से कोई fark नही पड़ता की उनके राज्य में व उनके ही kaafile की एक गाड़ी से कोई आदमी घायल होता हैं या maara jata हैं kyunki वो एक मामूली ,adna sa आम आदमी हैं और आम आदमी कुछ नही होता
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