Saturday, January 9, 2010
रोमांस का विज्ञान
अहमदाबाद में आयोजित एक राष्ट्रीय परिसंवाद में में एक मनोविद ने "केमिस्ट्री ऑफ़ रोमांस "विषय पर एक शोधपत्र पेश किया जिसमे बहुत सी रोचक जानकारिया उभर कर सामने आई जिसके अंतर्गत बताया गया की जब कोई व्यक्ति प्रेम में पड़ता हैं तो उसके शारीर में कामुकता,आकर्षण व लगाव इन तीन चरणों में रासायनिक रिएक्सन से बदलाव आते हैं | पहले चरण में मस्तिष्क में टेस्टोस्टेरोंन व इस्ट्रोजन नामक रासायनिक श्राव होने से आकर्षण व गंध उत्पन्न होती हैं इसमें पुरुष बाह्य आकर्षण व स्त्री सोशल स्टेटस को महत्व देती हैं जबकि दुसरे चरण में "नोरफेनफ्रिन, डोपामिन व सिरोटोनिन" के श्राव से प्रिय पात्र से बार बार मिलने की इच्छा और उसके बिन बेचैनी जैसी हालत होती हैं और तीसरे चरण में "ओक्सीटोसिन व वेजोप्रेसीन" नामक रसायनों के श्राव से व्यक्ति में विश्वास व उत्तेजना बढती हैं व किसी भी शर्त पर उसे पाने की इच्छा प्रबल हो जाती हैं जिसके लिए व्यक्ति विशेष कुछ भी कर गुजरने को तत्पर हो जाता हैं |
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अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
ReplyDeleteispar ek lekh hamne pahle padhaa tha!!!
ReplyDeleteaapka article achha hai. ek report ke taur par logon ko pasand aane vaala. meine ise apne newsmanknp.blogspot par top par link ke roop mein joda hai.
ReplyDeleteplease ise jara sa aur elaborate kar dijiye tou achha rahega...logon ko jyaada padhne ko milega
ReplyDeleteरोमांस के विज्ञान पर तो नहीं पर प्यार की परिणिति की भवना शरीर में क्या हलचल पैदा करती है मेरी नज़र से भी देखें मेरे ब्लॉग पर नयी प्रस्तुती "द्वन्द"
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