Thursday, December 24, 2009

इस देश में कुंवारे मर गए हैं क्या

चौकिये मत यह शीर्षक देखकर अजी ऐसा कहने की हमारी बिलकुल भी इच्छा नहीं हैं हम तो बस एक चैनल के द्वारा दिखाए जा रहे प्रोमो को देखकर यह लिखने पर बाध्य हुए हैं राखी का स्वयंवर कार्यक्रम की तरह ही अब राहुल महाजन का स्वयंवर की भी तैयारी इस चैनल में दिखाई जा रही हैं अब आ़प ही बताये की कोई व्यक्ति जो अपने पिता की हत्या के मात्र ६ माह बाद ड्रग्स लेता पकड़ा गया हो पिता की मौत का ग़म मनाने के बजाय अपनी प्रेमिका से विवाह करना ज्यादा ज़रूरी समझता हो जानवरों की तरह हँसता हो,विवाह के एक वर्ष के भीतर ही पत्नी को मारता हो तथा तलाक दे देता हो,किसी कार्यक्रम में कई लडकियो के साथ फ्लर्ट करता हो क्या ऐसे लड़के सो काल्ड तलाकशुदा मर्द से कोई अपनी बिटिया की शादी करना चाहेगा ?
इस कार्यक्रम के प्रोमो से यह लगता हैं की जिस तरह से इसका प्रचार किया जा रहा हैं बहुत जल्द ही यह कार्यक्रम शुरू भी हो जायेगा और हम आ़प सब भी इसे देखेंगे और पैसे के इस खेल के चलते यही सोचने पर मजबूर होंगे की वाकई........... इस देश में कुंवारे मर गए हैं

1 comment:

  1. बात कुवारों में जीने मरने की नहीं है.. बात है बिकने की.
    यहाँ सब बिकता है. और खरीदते भी हम ही हैं. हमे राखी के लटके झटके देखने का मन करता है तभी तो उसका स्वयम्बर देखते हैं.
    राहुल को लडकियों से फ्लर्ट करते देखने का मन करता है इसलिए देकहते हैं. क्यों की हम किसी के साथ ऐसे खुले आम फ्लर्ट नै कर सकते हैं, पीटने का दर है. और फ्लर्ट करने के पैसे भी नहीं मिलते हैं. मिलते तो तो चांस कोई भी ले सकता है.
    अपना स्वम्बर तो कोई करा नहीं सकता , दुसरे का ही देख के खुश होना है.
    सच हैं ना?

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