जो तुम अगर मेरे साथ नही
इस ज़िन्दगी का सफर नही
खुले आसमा के निचे रहेंगे
चाहेंगे फ़िर एक घर नही
तन्हाई की राते कटेगी कैसे
होगी जब कभी सहर नही
जो तेरे दिल पे सीधी उतरे
मेरे पास ऐसी नज़र नही
रोक सके जो दिल परिंदे को
तेरी दुआओं में वो असर नही
ज़िन्दगी के बढते कारवा को
अब तो मौत का भी डर नही ...........
Monday, September 28, 2009
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बेहतरीन रचना!!
ReplyDeleteविजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जो तेरे दिल पे सीधी उतरे
ReplyDeleteमेरे पास ऐसी नज़र नही ...
बहुत अच्छा लिखा है ...
hausla afzai ka shukriya
ReplyDeleteजो तुम साथ नहीं
ReplyDeleteमुझे बहुत पसंद आया