Tuesday, September 29, 2009

कुछ तो कहने दो

दिन भर की भागदौड़ से समय निकलकर जब कभी कुछ कहना चाहो तो इस खिड़की के सामने आ जाना और जी भर के अपनी भडास लिखाई के रूप में कह जाना, इस बात से बिल्कुल मत घबराना की दुनिया तुम्हे कुछ कहेगी कोई कुछ भी कहे पर तुम बिल्कुल मत शर्माना बस अपनी बकबक, झकझक जी भर के यहाँ उडेल जाना कोई पढ़े ना पढ़े कोई देखे ना देखे बस अपनी भडास निकाल जाना क्यूंकि तुम जो कुछ भी लिखोगे कोई पढ़े ना पढ़े मैं अवश्य पढूंगा क्यूंकि मैं जानता हूँ की तुम कितने काबिल हो ,कितने काम के हो ,इस पुरी दुनिया के लिए कितने ज़रूरी होतुम्हारा दोस्त ..........
एक दोस्त का सभी दोस्तों को पैगाम ..............

2 comments:

  1. kishore ji

    aapka blog padha bahut dilchasp hai ..

    mujhe aapse kuch jaanna tha , can you please give me your number. mera number hai - 09849746500

    is post ke liye meri badhai sweekar kare..

    dhanywad

    vijay
    www.poemofvijay.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. mere prayaas ko sarahane ke liye aap sabhi ka shukriya
    mera phone no hain 09818564685
    kishoreghildiyal@gmail.com

    ReplyDelete