Friday, November 27, 2009

दोस्त को जन्म दिन की बधाई

दोस्त तुम्हे देता मैं बधाई
निर्मल प्रेम में डुबो हरपल
चिर बसंत हो कभी न पतझर
रहो स्वस्थ , दिल न कभी हो भरी
दिल की आवाज़ दुआ येही दे हमारी


नगर तुम्हारा निपन कहलाता
झिलमिल जहाँ से नभ के तारे
साफ़ जहा जल, मन और थल है
दिल कुश , सुन्दर , सरल श्रमिक जन
जो आखिर सांस तक हार न जाने

यहाँ की बातें तुम मत पूछो
यहाँ की बस्ती धूमिल चंचल
गंगा भी बहती काली सी कल कल
मिटटी में हर पग की रगड़ की बू है
दिल छोटा और मन कुचला मैला
भरे सूर्य को जैसे डराता, मुट्ठी भर का खोखला अँधेरा

हाँ याद तुम्हारी कर के सब कुछ भूला
मन लगा खुश, न लगा अकेला
दोस्त की यादें दोस्त की बातें
रंगती मन मेरा सुनहला
दोस्त तुम्हे देता मैं बधाई

यह बधाई भरा लेख विश्वनाथजी ने भेजा

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