प्रस्तुत छोटी सी कविता हमारी बिटिया श्रुतिका को जया जी द्वारा उसके स्कूल के होमवर्क हेतु लिखाई गई कविता के बोल इतने सुंदर लगे की मैं इन्हे आप सब को भी पढाना चाह रहा हूँ | कभी कभी एक छोटी सी बात भी बहुत बड़ा अर्थ समझा जाती हैं, प्रस्तुत कविता में मुझे ऐसे ही कुछ विचार एक बेटी के दर्द को बखूबी बयां करते हुए लग रहे हैं|
मैं हूँ एक बिटिया अलबेली
नही कभी किताबो से खेली
मम्मी पापा ये करती पुकार
लड़की को भी हैं, पढने का अधिकार
लड़का लड़की सब एक समान
यही हैं सर्व शिक्षा का अभियान
मिले सभी को शिक्षा और ज्ञान
तभी तो बढेगा देश का मान सम्मान
अपनी बिटिया को खूब पढाये और आगे बढाये ...................
Friday, October 9, 2009
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ek nek sandesh deti bahut achchi kavita....
ReplyDeleteKAVITA KE MAADHYAM SE NAYA SANDESH DENE KI CHOTI SI KOSHISH HAI .... BAHOOT HI SUNDAR PANKTIYA HAIN ....
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