आपसे मिलना हमको अच्छा लगा
आपके साथ चलना अच्छा लगा.........
बाते होने लगी वक्त कटता रहा
मुस्कुराते हुए साथ चलता रहा
आपसे वक्त भी करने सजदा लगा
आपके साथ चलना अच्छा लगा
आपसे मिलना .................
सोचते ही रहे आज हम हरपल
आपके हुस्न पे लिखे हम एक ग़ज़ल
आपसे जाने क्यूँ ना हमको परदा लगा
आपके साथ चलना अच्छा लगा
आपसे मिलना ...............
आपसे मिलने घर तो आयेंगे हम
आपको अब तो पाना चाहेंगे हम
आपसा कोई ना हमको अपना लगा
आपके साथ चलना अच्छा लगा
आपसे मिलना .....................
Tuesday, October 13, 2009
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वाह! बहुत बढिया!!
ReplyDeleteसोचते ही रहे आज हम हरपल
ReplyDeleteआपके हुस्न पे लिखे हम एक ग़ज़ल
आपसे जाने क्यूँ ना हमको परदा लगा
आपके साथ चलना अच्छा लगा
आपसे मिलना ...............
शुक्रिया किशोर जी .....आप यूँ ही साथ-साथ चलते रहे ......!!
kuchh logo ke saath chalne se yah zindagi ka safar aasaan sa lagne lagta hain .....usi ahsaas ko samajhte huye yah shabd kab lekhni me dhal gaye pata hi nahi chala
ReplyDeleteaap sabhi ka dhanyavaad jinhone mere likhe ko saraha