अज्ञान- के अंधेरो से ......,हमें ज्ञान के उजाले की और ले चलो
असत्य की दीवारों से, हमें सत्य के शिवालो को और ले चलो
सारे जहाँ के सब दुखो का "एक ही तो निदान हैं"
या तो वह अज्ञान- हैं ....या तो वह अभिमान हैं
नफरतों के ज़हर से,प्रेम के प्यालो की और ले चलो
अज्ञान- के ....
अज्ञान- के ....
हमके मर्यादा न तोडे "अपनी सीमा में रहे"
ना करे अन्याय और ना अन्याय औरो का सहे
कायरो से दूर हो,वीर ह्रदयवालो की और ले चलो
अज्ञान- के अंधेरो से हमें ज्ञान के उजालो की और ले चलो
असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो
अज्ञान- के ...........
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