Thursday, October 22, 2009
माता पिता के चरणों में स्वर्ग हैं
यह धारावाहिक कई फिल्मो की"खिचडी" मिलाकर बनाया गया लगता हैं जिनमे साजन,कभी खुशी कभी ग़म,हम साथ साथ हैं व घर एक मन्दिर प्रमुख हैं|इस धारावाहिक की मूलकथा क्या हैं यह बता पाना ज़रा मुश्किल प्रतीत होता हैं|हम क्या देख रहे हैं व निर्देशक क्या दिखाना चाह रहा हैं पता नही चलता कभी लगता हैं की यह एक आम आदमी के संघर्ष को दर्शाना चाहता हैं तो कभी लगता हैं की शायद किसी अपाहिज के द्वारा सही जाने वाली ज़िन्दगी की मुश्किलों को दिखाने का प्रयास मात्र हैं|धारावाहिक का शीर्षक गीत तक फ़िल्म कभी खुशी कभी ग़म के शीर्षक से पुरा का पुरा चुराया गया हैं|इसमें देखने लायक अगर कुछ हैं तो पिता का किरदार निभा रहे कलाकार की कलाकारी जो वाकई कभी कभी दिल को छू जाती हैं|
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इसमें दो राय नहीं है कि मां-बाप के चरणों में स्वर्ग
ReplyDeletebil kul sahi kaha aaapne....mata pita ke hi charnon mein swarg hai....
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