Saturday, October 24, 2009

मुझको तड़पता देखकर

मुझको तड़पता देखकर,उन्हें चैन आता हैं
उनको तड़पता देखकर,मेरी जान जाती हैं

मेरी धड़कन में रहते हैं,वो साँसों में रहते हैं
नही उनसा कोई, दुनिया में ये लोग कहते हैं
मुझको मचलता देखकर,उन्हें आराम आता हैं
उनको मचलता देखकर,मेरी नींद जाती हैं

मुझ जैसा आशिक भी, ना कोई होगा दुनिया में
मुहब्बत में जो दे दे जाँ, ना कोई होगा दुनिया में
मुझको बहकता देखकर,उन्हें हंसना आता हैं
उनको बहकता देखकर,मुझे शर्म आती हैं

मुझको तड़पता देखकर,उन्हें चैन आता हैं
उनको तड़पता देखकर,मेरी जान जाती हैं

2 comments:

  1. achche geet hain aapke.sageet mein men sajege.

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  2. ये सब प्रेम की निशानी है ......... उनको आता है मज़ा तडपाने में ........ हमको उन्हें देख कर चैन आता है ...... अच्छा लिखा है

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